भगवान काल भैरव कौन हैं?
भगवान काल भैरव शिवजी के एक रौद्र और उग्र स्वरूप हैं। वे समय (काल) के अधिपति और समस्त बुरी शक्तियों के संहारक हैं। इन्हें संहार, रक्षण और न्याय के देवता माना जाता है। काल भैरव की आराधना करने से भय, शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और अनहोनी से रक्षा मिलती है।
भगवान काल भैरव का स्वरूप
- भगवान काल भैरव का रंग काला (शक्ति और रहस्य का प्रतीक) होता है।
- वे चार, छह या आठ भुजाओं वाले होते हैं और विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण करते हैं।
- उनका वाहन श्वान (कुत्ता) होता है, जो वफादारी और मार्गदर्शन का प्रतीक है।
- वे त्रिशूल, खप्पर, डमरू और खड्ग धारण करते हैं।
- वे योगियों और तांत्रिकों के पूज्य देवता हैं।
भगवान काल भैरव की पूजा का महत्व
- बुरी शक्तियों और काले जादू से रक्षा मिलती है।
- अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
- व्यापार और करियर में उन्नति प्राप्त होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधा समाप्त होती है।
- डर, भय और अनहोनी से मुक्ति मिलती है।
- धन, संपत्ति और सफलता में वृद्धि होती है।
भगवान काल भैरव की पूजा के लाभ
- जीवन की सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं।
- राहु और शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
- कानूनी मामलों और विवादों में सफलता मिलती है।
- यात्रा और व्यवसाय में लाभ होता है।
- मानसिक शांति, आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
काल भैरव यंत्र क्या है?
काल भैरव यंत्र भगवान काल भैरव की ऊर्जा से संचारित एक विशेष तांत्रिक यंत्र है। इसे घर, व्यापार स्थल, पूजा स्थान या तिजोरी में रखने से बुरी शक्तियों, शत्रुओं, भय और अनहोनी से रक्षा होती है।
काल भैरव यंत्र के लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा, काले जादू और बुरी नजर से बचाव करता है।
- शत्रु बाधाओं को समाप्त करता है।
- कानूनी मामलों में सफलता प्राप्त होती है।
- व्यापार, नौकरी और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- भय, तनाव और मानसिक अस्थिरता को दूर करता है।
- जीवन में स्थिरता, आत्मबल और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
काल भैरव यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- इसे रविवार या मंगलवार को शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
- गंगाजल से शुद्ध करें और काले वस्त्र पर स्थापित करें।
- यंत्र पर काले तिल, काली सरसों, धूप और दीप अर्पित करें।
- काल भैरव मंत्र का जाप करें –
ॐ भ्रं भैरवाय नमः या ॐ काल भैरवाय नमः। - प्रतिदिन यंत्र की पूजा करें और भगवान काल भैरव का स्मरण करें।