माँ महाकाली कौन हैं?
माँ महाकाली शक्ति, संहार और तंत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे काल (समय) की स्वामिनी और सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं। माँ महाकाली का स्वरूप उग्र है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए करुणामयी हैं। उनकी साधना करने से भय, शत्रु बाधा, तंत्र दोष और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
माँ महाकाली का स्वरूप
- वे काले रंग की होती हैं, जो अनंत ब्रह्मांड और शक्ति का प्रतीक है।
- उनका स्वरूप उग्र होता है, जिसमें वे गले में नरमुंड की माला और हाथों में खड्ग (तलवार) धारण किए हुए होती हैं।
- उनकी चार भुजाएँ होती हैं—एक में खड्ग, दूसरी में खप्पर, तीसरी वरद मुद्रा में और चौथी अभय मुद्रा में होती है।
- वे महाशक्ति का स्वरूप हैं और संहार तथा सृजन दोनों की अधिपति हैं।
- उनका वाहन सिंह या शव होता है, जो उनकी तंत्र शक्ति को दर्शाता है।
माँ महाकाली की पूजा का महत्व
- शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
- तंत्र-मंत्र, काले जादू और बुरी नजर से रक्षा होती है।
- साहस, आत्मविश्वास और शक्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं।
- दुर्घटनाओं और अनहोनी से बचाव होता है।
माँ महाकाली की पूजा के लाभ
- सभी प्रकार की बाधाएँ समाप्त होती हैं।
- व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शक्ति आती है।
- भय, तनाव और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
- आर्थिक समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति और आत्मशक्ति की प्राप्ति होती है।
महाकाली यंत्र क्या है?
महाकाली यंत्र माँ महाकाली की शक्ति से संचारित एक शक्तिशाली यंत्र है, जो शत्रु बाधा, तंत्र दोष, भय, नकारात्मक ऊर्जा और अनहोनी से बचाने में सहायक है। इसे घर, व्यापार स्थल, पूजा स्थान या तिजोरी में स्थापित किया जाता है।
महाकाली यंत्र के लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से सुरक्षा करता है।
- शत्रु बाधाओं को समाप्त करता है।
- साहस, शक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- आर्थिक संकट और धन की हानि से बचाव करता है।
- मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
- दुर्घटनाओं और जीवन के संकटों से रक्षा करता है।
महाकाली यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- इसे अमावस्या, शनिवार या मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
- गंगाजल, कुमकुम और काले तिल से शुद्ध करें और लाल या काले वस्त्र पर रखें।
- यंत्र पर लाल फूल, दीप, धूप और काले तिल अर्पित करें।
- माँ महाकाली के मंत्र का जाप करें –
ॐ क्रीं काली कालिकायै नमः। - प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करें और माँ महाकाली का ध्यान करें।