मंगल देव कौन हैं?
मंगल देव को हिंदू धर्म में ग्रहों में प्रमुख स्थान प्राप्त है। वे नवग्रहों में से एक हैं और साहस, शक्ति, पराक्रम और ऊर्जा के देवता माने जाते हैं। मंगल ग्रह को ज्योतिष में कर्म, युद्ध, आत्मविश्वास और उग्रता का प्रतीक माना जाता है।
मंगल देव का स्वरूप
मंगल देव को लाल रंग के वस्त्रों में, चार भुजाओं वाले स्वरूप में दर्शाया जाता है। उनके वाहन मेष (भेड़) या सिंह होते हैं। उनके हाथों में त्रिशूल, गदा, अभय मुद्रा और वर मुद्रा होती है। वे ऊर्जा, आत्मबल और दृढ़ संकल्प के प्रतीक माने जाते हैं।
मंगल देव का महत्व
मंगल देव को शक्ति, युद्ध, भूमि, साहस और पुरुषार्थ का स्वामी माना जाता है। कुंडली में मंगल का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है। यदि मंगल ग्रह अशुभ हो तो यह विवाह, व्यवसाय, स्वास्थ्य और क्रोध संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
मंगल दोष और उसका प्रभाव
मंगल दोष (मांगलिक दोष) तब बनता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। इसे मांगलिक दोष कहा जाता है और विवाह में देरी या दांपत्य जीवन में कठिनाइयों का कारण माना जाता है। इस दोष को शांत करने के लिए विशेष रूप से मंगल यंत्र की पूजा की जाती है।
मंगल देव की पूजा और उपाय
- मंगलवार के दिन मंगल देव की पूजा करें
- हनुमान जी की आराधना करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें
- मसूर की दाल, गुड़, लाल वस्त्र और मूंगा रत्न का दान करें
- मंगल मंत्र का जाप करें – ॐ अं अंगारकाय नमः
- मंगल यंत्र की स्थापना कर नियमित पूजा करें
मंगल यंत्र क्या है?
मंगल यंत्र एक विशेष ज्यामितीय यंत्र है, जो मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे घर, व्यापार स्थल, वाहन या पूजा स्थल पर स्थापित किया जाता है। यह विशेष रूप से मांगलिक दोष को शांत करने, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने और आर्थिक उन्नति के लिए लाभदायक माना जाता है।
मंगल यंत्र के लाभ
- मांगलिक दोष को दूर करता है
- आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है
- व्यवसाय में सफलता दिलाता है
- विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है
- क्रोध और आक्रामकता को नियंत्रित करता है
मंगल यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- मंगल यंत्र को मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित करें
- इसे पूजा स्थल या ऑफिस में रखें
- प्रतिदिन मंगल मंत्र का जाप करें
- यंत्र पर कुमकुम, लाल फूल और दीपक अर्पित करें
- मंगल देव को गुड़ और लाल मसूर अर्पित करें