पंचमुखी हनुमान कौन हैं?
पंचमुखी हनुमान भगवान हनुमान का एक दिव्य रूप है, जिसमें उनके पाँच मुख (मुखों) और दस भुजाएँ होती हैं। यह स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और रक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है। यह रूप तब प्रकट हुआ जब भगवान हनुमान ने अहिरावण का वध किया था। पंचमुखी हनुमान की पूजा करने से भय, शत्रु, नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र-मंत्र बाधा और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
पंचमुखी हनुमान के पाँच मुख और उनका महत्व
- हनुमान मुख (पूर्व दिशा) – शक्ति, भक्ति और बल प्रदान करता है।
- नरसिंह मुख (दक्षिण दिशा) – भय और शत्रु बाधा से रक्षा करता है।
- गरुड़ मुख (पश्चिम दिशा) – सर्प दोष, तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से मुक्ति देता है।
- वराह मुख (उत्तर दिशा) – धन, समृद्धि और उन्नति प्रदान करता है।
- हयग्रीव मुख (ऊपर दिशा) – ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिकता का विकास करता है।
पंचमुखी हनुमान की पूजा का महत्व
- शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र-मंत्र से रक्षा मिलती है।
- आत्मबल, साहस और शक्ति की प्राप्ति होती है।
- जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता मिलती है।
- कुंडली में मौजूद ग्रह दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- भय, अनहोनी और अकाल मृत्यु से बचाव होता है।
पंचमुखी हनुमान की पूजा के लाभ
- शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियाँ प्रभावहीन हो जाती हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं।
- आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि होती है।
- आर्थिक उन्नति और करियर में सफलता मिलती है।
पंचमुखी हनुमान यंत्र क्या है?
पंचमुखी हनुमान यंत्र भगवान हनुमान के इस दिव्य स्वरूप से संचारित एक शक्तिशाली यंत्र है, जो भय, शत्रु बाधा, तंत्र दोष और नकारात्मक शक्तियों से बचाव करता है। इसे घर, कार्यालय, दुकान या पूजा स्थल पर स्थापित किया जाता है।
पंचमुखी हनुमान यंत्र के लाभ
- शत्रु बाधाओं को समाप्त करता है।
- नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और तंत्र-मंत्र से रक्षा करता है।
- साहस, आत्मबल और मनोबल को बढ़ाता है।
- नौकरी, व्यापार और करियर में सफलता दिलाता है।
- स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखता है।
पंचमुखी हनुमान यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- इसे मंगलवार या शनिवार को शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
- गंगाजल और शुद्ध जल से स्नान कराएं और लाल वस्त्र पर रखें।
- यंत्र पर चंदन, लाल पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
- पंचमुखी हनुमान मंत्र का जाप करें –
ॐ नमो भगवते पंचमुखाय महाबलाय स्वाहा। - प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।