राहु देव कौन हैं?
राहु देव को नवग्रहों में छायाग्रह माना जाता है। वे असुर स्वभाव के ग्रह हैं और व्यक्ति के जीवन में भ्रम, आकस्मिक परिवर्तन, महत्वाकांक्षा, इच्छाशक्ति, भौतिक सुख और अप्रत्याशित घटनाओं को प्रभावित करते हैं। राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक संतुलन, आध्यात्मिकता, राजनीति, विदेश यात्रा, रहस्यमयी ज्ञान और भौतिक सफलता पर पड़ता है। यदि राहु शुभ हो तो व्यक्ति प्रसिद्धि, सफलता और प्रभावशाली व्यक्तित्व प्राप्त करता है, लेकिन यदि अशुभ हो तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, धोखा, व्यसन, कोर्ट-कचहरी के मामले और अनैतिक कार्यों में लिप्त होने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
राहु देव का स्वरूप
राहु को बिना शरीर वाला ग्रह माना जाता है। पुराणों के अनुसार, राहु एक असुर (स्वर्भानु) थे, जिन्होंने छल से अमृत पिया था, लेकिन भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनका सिर काट दिया। उनका सिर राहु और धड़ केतु के रूप में नवग्रहों में सम्मिलित हो गया। राहु का वाहन सिंह या काला नाग माना जाता है।
राहु देव का महत्व
- भ्रम, आकस्मिक परिवर्तन और मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है।
- राजनीतिक सफलता, विदेश यात्रा और छुपे हुए ज्ञान से संबंधित है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर, मीडिया, फिल्म और तंत्र-मंत्र पर प्रभाव डालता है।
- इच्छाशक्ति, महत्वाकांक्षा और भौतिक सफलता में सहायक होता है।
- नशा, जुआ, धोखा और मानसिक अस्थिरता भी राहु के प्रभाव में आते हैं।
राहु दोष और उसका प्रभाव
जब राहु अशुभ स्थिति में होता है, तो इसे राहु दोष या कालसर्प योग कहा जाता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में भ्रम, मानसिक तनाव, गलत निर्णय, कोर्ट-कचहरी के मामले, दुर्घटनाएँ, भय और अस्थिरता ला सकता है।
राहु दोष के उपाय
- शनिवार और बुधवार के दिन राहु देव की पूजा करें।
- काले तिल, सरसों का तेल, नारियल और नीले वस्त्र का दान करें।
- राहु मंत्र का जाप करें – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
- हनुमान चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- राहु यंत्र की स्थापना कर उसकी नियमित पूजा करें।
राहु यंत्र क्या है?
राहु यंत्र एक विशेष ज्यामितीय यंत्र है, जो राहु ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और मानसिक शांति, स्थिरता, सफलता तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोग किया जाता है। इसे घर, कार्यालय या पूजा स्थल पर रखा जाता है।
राहु यंत्र के लाभ
- राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को समाप्त करता है।
- भ्रम, मानसिक तनाव और डर को दूर करता है।
- करियर, राजनीति और मीडिया क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
- कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करता है।
- आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।
राहु यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- इसे शनिवार या बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
- यंत्र को पूजा स्थान, ऑफिस या तिजोरी में रखें।
- प्रतिदिन राहु मंत्र का जाप करें।
- यंत्र पर काले तिल, नारियल और सरसों का तेल अर्पित करें।
- भगवान हनुमान और दुर्गा माता की पूजा करें।