देवी लक्ष्मी – धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी
देवी लक्ष्मी धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे न केवल भौतिक संपन्नता प्रदान करती हैं, बल्कि व्यवसाय और आर्थिक उन्नति में भी सहायक होती हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा से व्यापार में वृद्धि, आर्थिक स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है।
देवी लक्ष्मी की विशेषताएँ:
- धन, वैभव और ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
- व्यापार और व्यवसाय में उन्नति लाती हैं।
- स्थिरता और आर्थिक संतुलन बनाए रखती हैं।
- दारिद्र्य और आर्थिक संकट से मुक्ति दिलाती हैं।
मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः॥
संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र – व्यापार में सफलता का मार्ग
संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र विशेष रूप से व्यापारियों और उद्यमियों के लिए निर्मित एक शक्तिशाली यंत्र है। यह व्यापार में निरंतर वृद्धि, आर्थिक स्थिरता और लाभ को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र के लाभ:
- व्यापार में निरंतर सफलता और लाभ दिलाता है।
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखता है और धन का प्रवाह बढ़ाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं और दुर्भाग्य को दूर करता है।
- नए व्यापारिक अवसर और ग्राहकों को आकर्षित करता है।
- सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है।
संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- शुभ मुहूर्त – दीपावली, अक्षय तृतीया, पूर्णिमा या शुक्रवार को स्थापना करें।
- स्थान – इसे दुकान, व्यापार स्थल, तिजोरी, ऑफिस या कैश काउंटर में रखें।
- शुद्धि – गंगाजल, हल्दी और केसर से यंत्र को शुद्ध करें।
- अर्चना – देवी लक्ष्मी को लाल पुष्प, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।
- मंत्र जाप –
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
- ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का जप करें।
- विशेष उपाय –
- शुक्रवार को गरीबों को भोजन कराएं।
- व्यापार स्थल पर केसर और चंदन का छिड़काव करें।
- श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।