भगवान श्रीकृष्ण – बाल गोपाल और संतानों के संरक्षक
भगवान श्रीकृष्ण को बाल गोपाल रूप में विशेष रूप से संतान सुख और उनकी रक्षा के लिए पूजनीय माना जाता है। वे प्रेम, करुणा, सौभाग्य और दिव्य आशीर्वाद के प्रतीक हैं। संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, गर्भधारण में कठिनाई हो, या संतान कमजोर और अस्वस्थ हो, तो भगवान कृष्ण की पूजा से इन समस्याओं का समाधान होता है।
भगवान श्रीकृष्ण की विशेषताएँ:
- संतान सुख प्रदान करने वाले और निःसंतान दंपतियों के रक्षक हैं।
- शिशुओं और बच्चों की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं।
- परिवार में सुख-शांति और प्रेम बनाए रखते हैं।
- जीवन में आनंद, समृद्धि और कल्याण की वृद्धि करते हैं।
मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥
संतान गोपाल यंत्र – संतान सुख और समृद्धि का दिव्य यंत्र
संतान गोपाल यंत्र भगवान श्रीकृष्ण का पवित्र यंत्र है, जो निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति में सहायता करता है। यह गर्भधारण में आ रही बाधाओं को दूर करता है और संतान के उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और उज्ज्वल भविष्य के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
संतान गोपाल यंत्र के लाभ:
- निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देता है।
- गर्भधारण में बाधाओं को दूर करता है और सुरक्षित प्रसव में सहायक होता है।
- संतान के अच्छे स्वास्थ्य, बुद्धि और भविष्य की रक्षा करता है।
- परिवार में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है।
- दांपत्य जीवन में प्रेम और समृद्धि को बढ़ाता है।
संतान गोपाल यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- शुभ मुहूर्त – कृष्ण जन्माष्टमी, पूर्णिमा, गुरुवार, या संतान सप्तमी के दिन स्थापित करें।
- स्थान – इसे घर के मंदिर, शयनकक्ष या पूजा स्थल में रखें।
- शुद्धि – यंत्र को गंगाजल, कच्चे दूध और तुलसी पत्र से शुद्ध करें।
- अर्चना – भगवान श्रीकृष्ण को पीले पुष्प, माखन-मिश्री, तुलसी पत्र और धूप-दीप अर्पित करें।
- मंत्र जाप –
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
- इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
- गोपाल सहस्त्रनाम या श्रीमद्भागवत का पाठ करें।
- विशेष उपाय –
- गर्भवती महिलाएं गोपाल मंत्र का नियमित जाप करें।
- श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं और बच्चों में वितरित करें।
- संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें।