वास्तु देव को वास्तुशास्त्र के अधिष्ठाता देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में इन्हें भवन, भूमि और संरचनाओं की ऊर्जा को संतुलित करने वाला देवता कहा जाता है। वास्तु देवता दिशाओं, पंचतत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) और सकारात्मक ऊर्जा के नियंत्रक हैं। यदि किसी भवन, घर, दुकान या कार्यालय का निर्माण वास्तु सिद्धांतों के विपरीत होता है, तो वहाँ नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसे वास्तु दोष कहा जाता है।
वास्तु देव का स्वरूप
वास्तु पुराण और अन्य ग्रंथों के अनुसार, वास्तु देवता को एक शक्तिशाली दिव्य पुरुष के रूप में दर्शाया गया है, जिनका सीधा संबंध दिशाओं और भवन संरचना से होता है। उन्हें पृथ्वी तत्व से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि वे भूमि और उसके प्रभावों को नियंत्रित करते हैं।
वास्तु देवता का महत्व
- घर, ऑफिस, दुकान और उद्योग में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं।
- सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति प्रदान करते हैं।
- वास्तु दोष के कारण उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करते हैं।
- स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और संबंधों को मजबूत करते हैं।
- प्राकृतिक तत्वों और दिशाओं के असंतुलन से होने वाली समस्याओं को रोकते हैं।
वास्तु दोष और उसका प्रभाव
जब किसी भवन में वास्तु दोष होता है, तो वहाँ रहने या काम करने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:
- मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ।
- आर्थिक नुकसान, व्यापार में अस्थिरता और नौकरी में बाधाएँ।
- घर में क्लेश, असंतोष और रिश्तों में दरार।
- नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ घटनाएँ।
- नींद की समस्याएँ और बार-बार बीमारियाँ।
वास्तु दोष दूर करने के उपाय
- घर में नियमित रूप से गंगाजल और कपूर का छिड़काव करें।
- मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और मंगल चिह्न बनाएँ।
- घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को स्वच्छ और खुला रखें।
- तुलसी का पौधा लगाएँ और नियमित रूप से जल चढ़ाएँ।
- वास्तु दोष निवारक यंत्र की स्थापना करें और उसकी पूजा करें।
वास्तु दोष निवारक यंत्र क्या है?
वास्तु दोष निवारक यंत्र एक विशेष ज्यामितीय यंत्र है, जिसे घर, ऑफिस या व्यापार स्थल में स्थापित किया जाता है ताकि वहाँ की ऊर्जा संतुलित रहे और वास्तु दोष के प्रभाव समाप्त हों। यह यंत्र विशेष रूप से उन भवनों के लिए लाभदायक होता है, जिनका निर्माण वास्तुशास्त्र के अनुसार नहीं हुआ है।
वास्तु दोष निवारक यंत्र के लाभ
- घर और कार्यालय में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- वास्तु दोष के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करता है।
- आर्थिक उन्नति, सफलता और समृद्धि में सहायक होता है।
- रिश्तों में प्रेम, सद्भाव और शांति बनाए रखता है।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करता है और मानसिक शांति देता है।
वास्तु दोष निवारक यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- इसे रविवार, गुरुवार या पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
- यंत्र को पूजा स्थान, मुख्य दरवाजे के पास, ऑफिस या दुकान में रखें।
- प्रतिदिन वास्तु मंत्र का जाप करें – ॐ वास्तुपुरुषाय नमः।
- यंत्र पर गंगाजल, अक्षत, पुष्प और धूप-दीप अर्पित करें।
- घर में नियमित रूप से हवन करें और कपूर जलाएँ।