Guru Chandal Dosh

गुरु चांडाल दोष

गुरु चांडाल योग तब बनता है जब कुंडली में बृहस्पति और राहु का मिलन होता है। इसकी वजह से एक खुशहाली भी दुख और कठिनाई में बदल जाती है। ये वे लोग हैं जिनकी कुंडली के केंद्र में बृहस्पति है। कुंडली के घर में राहु के प्रवेश का कोई विशेष प्रभाव नहीं होता है। यदि इनकी कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो इन्हें चिंता और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के मान-सम्मान में भी कमी आती है।
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Mind related Issues of Guru Chandal Dosh

Lack of clarity:

Individuals may struggle to differentiate between right and wrong, leading to confusion in their judgment and decision-making abilities. 

Overthinking and anxiety:

The conflicting energies can trigger excessive worry and rumination, making it hard to relax and maintain mental stability. 

Distorted perceptions:

This dosha can sometimes lead to misinterpretations of situations and people, causing misunderstandings and conflicts. 

Spiritual dilemmas:

Despite Jupiter’s association with spirituality, the presence of Rahu can create internal conflicts regarding religious beliefs and practices, leaving one feeling lost in their spiritual journey. 

Negative self-talk:

Individuals may experience a tendency towards self-doubt and negative self-talk, impacting their self-esteem and confidence. 

गुरु चांडाल दोष का कारण

ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल योग को बहुत अनिष्टकारी योग बताया गया है। इसलिए इस योग का निर्माण एक ऐसे ग्रह के युति से बनता है, जिससे सभी जातक बचने का प्रयास करते हैं। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल योग का निर्माण अनिष्टकारी ग्रह राहु और बुद्धि के देवता गुरु ग्रह के युति से बनता है। कुंडली में इस योग के निर्माण से जातकों के जीवन पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता और उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

  • कर्मों का फल: ज्योतिष के अनुसार, यह दोष व्यक्ति के पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम हो सकता है।
  • ग्रहों की स्थिति: कुंडली में राहु और गुरु के संयोग या केतु के साथ गुरु की उपस्थिति से यह दोष बनता है।
  • ज्योतिषीय दृष्टि से समय: गोचर (ट्रांजिट) में भी यदि राहु गुरु के साथ आ जाता है, तो अस्थायी रूप से यह दोष प्रभावी हो सकता है।
 

 यह दोष क्यों बनता है?

  • राहु और केतु का स्वभाव गुरु के गुणों से विपरीत होता है।
  • राहु भौतिक सुख, धोखा, और भ्रम को दर्शाता है, जबकि केतु त्याग और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
  • जब ये गुरु के साथ आते हैं, तो व्यक्ति के विचार और निर्णय में अस्थिरता आ सकती है।
 

गुरु चांडाल दोष शांति पूजा

गुरु चांडाल दोष तब बनता है जब गुरु (बृहस्पति) ग्रह और राहु एक साथ एक ही भाव में स्थित हों। यह योग जातक के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों की हानि, गलत निर्णय, और सामाजिक प्रतिष्ठा का ह्रास। इस दोष को शांत करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं।

गुरु चांडाल दोष शांति पूजा
यह पूजा दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए की जाती है।

पूजा की सामग्री
1. पीला वस्त्र और पीला फूल
2. गुरु की मूर्ति या चित्र
3. हल्दी और चंदन
4. बेसन के लड्डू या पीले रंग का प्रसाद
5. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी)
6. हवन सामग्री
7. राहु और बृहस्पति के बीज मंत्र के जप के लिए रुद्राक्ष माला

पूजा विधि
1. स्नान और शुद्धि:
जातक को स्नान करके पीले वस्त्र पहनने चाहिए। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

2. गुरु का आवाहन:
गुरु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और हल्दी, चंदन, और पीले फूल अर्पित करें।

3. बीज मंत्र जप:
– गुरु मंत्र:

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः

इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
– राहु मंत्र:

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः

इस मंत्र का भी 108 बार जप करें।

4. हवन:
गुरु और राहु के बीज मंत्रों का उच्चारण करते हुए घी, तिल, जौ, और चंदन को हवन कुंड में अर्पित करें।

5. दान:
पूजा के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को पीला वस्त्र, चने की दाल, हल्दी, और पीले फल दान करें।

6. पाठ:
– बृहस्पति स्तोत्र और
– राहु स्तोत्र का पाठ करें।

You can also do these Guru Chandal Dosh Remedies yourself

  • बृहस्पतिवार का व्रत रखें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।  

  • पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और उसकी परिक्रमा करें।  

  • राहु ग्रह की शांति के लिए शनिदेव के मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं।  

  • शिक्षा और आध्यात्मिकता को बढ़ावा दें।  

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